बॉलीवुड इंडस्ट्री में किसी भी फिल्म का दारोमदार केवल अभिनेता के ऊपर नहीं होता बल्कि अभिनेता फिल्म में दर्शाए गए उसके किरदार को अच्छी तरह निभा सके उसमें और बहुत से कलाकारों का योगदान होता है। उन्हीं में से एक कलाकार गायक होता है। हिंदी फिल्म जगत में कोई भी फिल्म गानों के बिना अधूरी मान जाती है और फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों, म्यूजिक कंपोजर्स को ऐसी आवाज की तलाश रहती है जो कई अभिनेताओं या अभिनेत्रियों के किरदार से मेल खाती हो। आज हम एक ऐसी ही आवाज के बारे में चर्चा करेंगे जिसने जिंगल्स से लेकर बॉलीवुड में बड़े बड़े अभिनेताओं के गानों को अपनी सुरीली आवाज से सजाया। उस आवाज का नाम है के के – कृष्ण कुमार कन्नाथ।
केके का जन्म 23 अगस्त 1968 को एक मलयाली परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम सी एस नायर और माता का नाम कुन्नथ कनाकवल्ली है। केके का पूरा बचपन दिल्ली में ही गुजरा।
के के की प्रारंभिक शिक्षा देवकी माउंट सैंट मैरी स्कूल से ही 12वीं तक पूरी हुई। इसके तत्पश्चात उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने किरोड़ीमल कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। वहां से उन्होंने वाणिज्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। भाग्य कुछ और चाहता था और के के अपने बचपन में डॉक्टर बनना चाहते थे मगर बचपन से ही वह मधुर आवाज के भी धनी थे। अपने कॉलेज के दिनों से ही उन्होंने विज्ञापन एजेंसियों के लिए जिंगल्स गानी शुरू कर दी थी। अपने दोस्तों के साथ मिलकर केके ने एक रॉक बैंड भी बनाया परंतु उन्होंने कभी भी संगीत सीखने के लिए किसी प्रशिक्षण का सहारा नहीं लिया।
किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति के पीछे उसका परिवार उसकी ताकत होता है। यही कहना था केके का। वर्ष 1991 में वह अपनी बचपन की दोस्त ज्योति के साथ शादी के बंधन में बंध गए। साधारणत: वह अक्सर अपने रिकॉर्डिंग के सिलसिले में व्यस्त रहते थे परंतु जब भी उनको समय मिलता था तो उस समय का प्रयोग अपने परिवार के साथ बिताने में ही करते थे। के के का एक बेटा है जिसका नाम नकुल है वह भी एक उम्दा गायक है और इनकी एक बेटी है जिसका नाम तमारा है।
वास्तविक नाम | कृष्ण कुमार कुन्नथ |
उपनाम | के के |
के के का जन्मदिन | 23 अगस्त 1968 |
के के का जन्म स्थान | दिल्ली भारत |
के के की राष्ट्रीयता | भारतीय |
के के की शैक्षणिक योग्यता | वाणिज्य में स्नातक |
के के – स्कूल का नाम | माउंट सैंट मैरी स्कूल दिल्ली |
के के – कॉलेज का नाम | किरोड़ीमल कॉलेज दिल्ली |
के के का व्यवसाय | पार्श्व गायक, संगीतकार |
केके का धर्म | हिंदू |
के के की वैवाहिक तिथि | वर्ष 1991 |
के के की प्रति गीत फीस | 5 से 6 लाख रूपए |
के के की प्रति कॉन्सर्ट फीस | 10 से 15 लाख रूपए |
केके की कुल संपत्ति | 50 करोड़ रुपए के आसपास |
केके की मृत्यु तिथि | 31 मई 2022 |
के के के पिता का नाम | सी एस नायर |
के के की माता का नाम | कुन्नथ कनकावल्ली |
के के की पत्नी का नाम | ज्योति |
के के की बेटी का नाम | तमारा |
के के – के बेटे का नाम | नकुल कृष्णा |
के के की लंबाई | 5 फुट 8 इंच |
के के का वजन | 65 किलोग्राम |
के के की शारीरिक संरचना | छाती 40 इंच, कमर 32 इंच, बाइसेप्स 12 इंच |
के के की आंखों का रंग | काला |
के के – के बालों का रंग | काला |
के के हिंदी किरोरी मल कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त हुई है और उसके बाद उन्होने होटल उद्योग में विपणन कार्यकारी के रूप में 8 महीने तक कार्य किया। उसके बाद वह वर्ष 1994 में मुंबई आ गए यहां आकर उन्होंने लोही बैंक रंजीत बारोट शिव माथुर और लश्करी रोहित जैसी कंपनियों में में डेमो टेप दिया ताकि किसी तरह उनको गायन के क्षेत्र में कोई चांस मिल सके क्योंकि वह किसी भी हाल में अपनी कला को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहते थे। वर्ष 1994 में ही उनको यूटीवी की ओर से स Santogen Suiting के विज्ञापन के लिए प्रस्ताव आया जो उन्होंने स्वीकार कर लिया। इसके बाद से अगले 4 वर्षों तक उन्होंने विभिन्न कंपनियों के लिए 11 भारतीय भाषाओं में 3500 से अधिक जिंगल्स को अपनी आवाज दी
एक लंबे इंतजार के बाद वर्ष 1996 में वह समय आया जब उनको माचिस फिल्म में पाशर्वगायन के तौर पर पहला मौका मिला और यह मौका दिया था विशाल भारद्वाज ने। इस फिल्म में उन्होंने अपना पहला गाना बतौर पार्षवगायन “छोड़ आए हम वो गलियां” गाया था।
वर्ष 1999 में केके ने अपनी सोनू एल्बम निकाली जिसका नाम था पल। केके की इस एल्बम को सर्वश्रेष्ठ एकल एलबम के तौर पर स्टार स्क्रीन अवार्ड से नवाजा गया। इसी वर्ष उनको विशाल भारद्वाज द्वारा उनकी फिल्म हम दिल दे चुके सनम में फिर से एक गाना जाने का मौका दिया गया और यह है गाना उनके गायन के कैरियर का सबसे सुपरहिट गाना साबित हुआ। यह गाना था तड़प तड़प के इस दिल से आह निकलती रही। इस गाने के बाद से वह सभी फिल्म निर्माताओं और म्यूजिक कंपोजर की पहली पसंद बन चुके थे। इस फिल्म के म्यूजिक कंपोजर थे इस्माइल दरबार। वर्ष 2000 में के के को इसी गाने के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर मेल अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया।इस फिल्म के बाद से केके ने कई सुपरहिट गीतों को अपनी आवाज दी।
एल्बम | म्यूजिक डायरेक्टर | सोलो / कंपाइलेशन |
पल – वर्ष 1999 | लेस्ले लेविस | सोलो |
हमसफर – वर्ष 2008 | के के | सोलो |
हमराज़ – वर्ष 2002 | हिमेश रेशमिया | कंपाइलेशन |
सोलफुल वॉइस के के – वर्ष 2011 | विभिन्न | कंपाइलेशन |
नाउ प्लेइंग के के – वर्ष 2014 | विभिन्न | कंपाइलेशन |
के के: बेस्ट ऑफ मी | विभिन्न | कंपाइलेशन |
म्यूजिकल बैंड : प्रीतम एंड के के – वर्ष 2015 | प्रीतम चक्रवर्ती | कंपाइलेशन |
गीत | फिल्म का नाम |
तू जो मिला | बजरंगी भाईजान |
दिल क्यों यह मेरा | काईट्स |
दिल इबादत | तुम मिले |
क्या मुझे प्यार है | वो लम्हे |
आंखों में तेरी | ओम शांति ओम |
तू ही मेरी शब है | गैंगस्टर |
खुदा जाने | बचना ए हसीनो |
आवारापन बंजारापन | जिस्म |
दस बहाने 2.0 | दस बहाने 2.0 |
लबों को | भूल भुलैया |
तू आशिकी है | झंकार बीट्स |
कोई कहे कहता रहे | दिल चाहता है |
ज़हरीली रातें | चॉकलेट |
ओ जाना | तेरे नाम |
एक नजर में भी | टैक्सी नंबर 9211 |
तड़प तड़प के | हम दिल दे चुके सनम |
मेरी मां | यारियां |
यारों | फल |
तुझे सोचता हूं | जन्नत 2 |
सच कह रहा है | रहना है तेरे दिल में |
सजदा | खट्टा मीठा |
नजरे करम | जश्न |
इट्स द टाइम टू डिस्को | कल हो ना हो |
पार्टी ऑन माय माइंड | रेस 2 |
तेरी यादों में | द किलर |
जाने कैसे सब ढली | रकीब |
के के जिंदा रहते हुए भी हमें नायाब गीतों का तोहफा देते रहे और जब उनकी जिंदगी का आखरी समय आया तब भी वह एक लाइव कंसर्ट में व्यस्त थी। के के कोलकाता के गुर्दा कॉलेज के फर्स्ट में परफॉर्म कर रहे थे तभी धीरे-धीरे अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। उन्होंने इस बारे में अपनी टीम के लोगों को भी बताया बीच-बीच में वह पानी भी पी रहे थे। रात के लगभग 8:30 बजे केके अपना लाइव कंसर्ट खत्म करके होटल पहुंच गए मगर जब उनकी तबीयत और बिगड़ने लगी तो उनको सी एम आर आई अस्पताल ले जाया गया। उनको सांस लेने में बहुत कठिनाई हो रही थी। कुछ समय के पश्चात डॉक्टर्स ने के के को मृत घोषित कर दिया और बताया कि उनकी मृत्यु का कारण हार्ट अटैक है। 31 मई 2022 को देश के एक बहुत लोकप्रिय गायक केके का निधन हो गया।
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